1. सो क्या तुम समझते हो कि हमने तुम्हें व्यर्थ ही पैदा किया और तुम हमारे पास पलटकर नहीं आओगे ? -कुरआन, 23, 115
2. उस (प्रभु) ने ही मृत्यु और जीवन को बनाया है ताकि तुम्हें परखे कि तुम में से कौन अच्छे कर्म करता है और वह ज़बर्दस्त क्षमाशील है। -कुरआन, 67, 2